एक हफ्ते में चौथी बार, ताबड़तोड़ बैलिस्टिक मिसाइल क्यों दाग रहा उत्तर कोरिया, क्यों भड़के हैं किम जोंग? | North Korea fired two short-range ballistic missiles fourth in a week what is kim jong un’s plan

एक हफ्ते में चौथी बार परीक्षण
उत्तर कोरिया ने एक हफ्ते में चौथी बार बैलिस्टिक मिसाइल उस वक्त दागे हैं, जब पिछले पांच सालों में पहली बार अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की नेवी ने एंटी-सबमरीन के साथ इस हफ्ते युद्धाभ्यास किया है, वहीं अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी इसी हफ्ते दक्षिण कोरिया का दौरा किया है। उत्तर कोरिया ने कमला हैरिस के दक्षिण कोरिया आने से ठीक पहले पहली बार बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी और फिर एक हफ्ते में उसने चौथी बार मिसाइल दागी है। वहीं, दक्षिण कोरियाई सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा है कि, उत्तर कोरिया ने अपनी राजधानी प्योंगयोंग के उत्तर में स्थिति सुनन से दो शॉर्ट रेंज की मिसाइलें दागी हैं। इस मिसाइल की रफ्तार मच-6 की स्पीड थी, वहीं इस मिसाइल की रेंज 350 किलोमीटर थी, जबकि इसने 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी है।

मिसाइल पर जापान की प्रतिक्रिया
वहीं, जापान की कोस्ट गार्ड ने कहा है कि, उसने भी प्योंगयोंग के दो संदिग्ध मिसाइलों को नोट किया है। जापान के रक्षा मंत्री तोशीरो इनो ने कहा कि, इन मिसाइलों ने एक मिसाइल ने 400 किमी और दूसरे मिसाइल ने 350 किमी की उड़ान भरी है और ये मिसाइलें करीब 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंची थी। वहीं, जापान ने डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए उत्तर कोरिया के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। वहीं, जापानी रक्षा मंत्री ने कहा है कि, उत्तर कोरियाई मिसाइल ‘इरेग्युलर ट्रेजेक्टरी’ में उड़ान भर रहे थे और संभवत: ऐसा इसलिए था, ताकि मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दिया जा सके।

अमेरिका को चेतावनी?
वहीं, अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड ने कहा है कि, वो उत्तर कोरियाई मिसाइलों को लेकर परिचित है और उसने जो आकलन किया है, उसके मुताबिक, वो अमेरिकी क्षेत्र या फिर अमेरिकी सैन्य कर्मियों के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करते हैं। वहीं, उत्तर कोरिया ने कमला हैरिस की दक्षिण कोरिया यात्रा से ठीक पहले और उनकी यात्रा खत्म होने के ठीक बाद में मिसाइलें दागी हैं और उत्तर कोरिया ने इस साल अपने हथियारों के परीक्षण में रिकॉर्ड रफ्तार से इजाफा किया है, वहीं आशंका इस बात को लेकर है, कि उत्तर कोरिया एक बार फिर से परमाणु परीक्षण करने वाला है और उत्तर कोरिया अपने उस सुरंग की फिर से मरम्मत करवा रहा है, जिसमें उनसने पिछले बार परमाणु परीक्षण किया था। वहीं, अमेरिका के लिए टेंशन इस बात को लेकर है, कि उत्तर कोरिया धीरे धीरे अपनी क्षमता का विस्तार उस स्तर तक कर रहा है, जहां वो सीधे अमेरिका के लिए खतरा बन सकता है और अमेरिका पर परमाणु हमला करने की क्षमता उत्तर कोरिया काफी तेजी से विकसित कर रहा है। आपको बता दें कि,उत्तर कोरिया ने साल 2017 के बाद से पहली बार इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण भी इसी साल किया है।

यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाने की कोशिश
विश्लेषकों का कहना है कि, उत्तर कोरिया यूक्रेन में चल रहे युद्ध का फायदा उठाना चाहता है, क्योंकि पूरी दुनिया उस लड़ाई की तरफ व्यस्त है और इस दौरान उत्तर कोरिया ज्यादा से ज्यादा परीक्षण कर लेना चाहता है। सियोल में इवा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर लीफ-एरिक इस्ले ने कहा कि, ‘अपनी आंतरिक कमजोरियों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग होने के बाद भी उत्तर कोरिया अपने हथियारों के भंडार का आधुनिकीकरण कर रहा है और अमेरिका-चीन की प्रतिद्वंदिता और यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद बनी अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों का फायदा उठा रहा है।’ वहीं, उन्होंने दक्षिण कोरिया की अंदरूनी राजनीति में मचे कलह और राष्ट्रपति का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘किम जोंग उन का प्रशासन दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के सामने मुश्किल चुनौतियां पेश कर रहा है, जबकि वो अंदरूनी कलह में व्यस्त हैं।’ वहीं, जापानी रक्षा मंत्रालय ने जुलाई में एक रिपोर्ट में कहा था कि, उत्तर कोरिया कम दूरी की मिसाइलों को लॉन्च कर रहा है जो कम और इरेग्युलर ट्रेजेक्टरी पर उड़ान भरते हैं और उत्तर कोरिया ने हायर वार-फाइटिंग इफेक्टिवनेस के लिए इन मिसाइलों का डिजाइन किया है।

उत्तर कोरिया पर और प्रतिबंध
वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु परीक्षण करने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। जबकि, उत्तर कोरिया लगातार अपनी आत्मरक्षा और संप्रभु अधिकारों का उल्लंघन और स्पेस रिसर्च की बात कहकर अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर देता है। वहीं, दक्षिण कोरिया के सांसदों ने बुधवार को कहा कि, उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण की तैयारी भी पूरी कर ली है और मध्य अक्टूबर में जब चीन अपने नये राष्ट्रपति का चुनाव करेगा, उस वक्त उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण कर सकता है या फिर जब नवंबर में अमेरिका में सीनेट के चुनाव होंगे, उस वक्त भी उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण करने की आशंका है।