केंद्र के PFI पर लगाए गए प्रतिबंध की सूफी, बरेलवी मौलवियों ने किया स्वागत, कहा- ‘संस्था से बड़ा देश’ | Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi and All India Muslim Jamaat welcomed pfi ban decision
India
oi-Neeraj Kumar Yadav
नई
दिल्ली,
28
सितंबर।
टेरर
फंडिंग
और
आतंकवादी
गतिविधियों
में
शामिल
होने
के
आरोप
में
केंद्र
की
मोदी
सरकार
ने
पॉपुलर
फ्रंट
ऑफ
इंडिया
(पीएफआई)
और
उसके
कई
सहयोगियों
पर
बुधवार
को
5
वर्ष
के
लिए
प्रतिबंध
लगा
दिया
है।
केंद्र
सरकार
के
इस
फैसले
का
सूफी
और
बरेलवी
मौलवियों
ने
स्वागत
किया
है।
अखिल
भारतीय
सूफी
सज्जादानशीन
परिषद
(AISSC)
के
अध्यक्ष
ने
एक
बयान
में
कहा
कि
अगर
उग्रवाद
पर
अंकुश
लगाने
के
लिए
कार्रवाई
की
गई
है,
तो
सभी
को
धैर्य
दिखाना
चाहिए
और
सरकार
व
एजेंसियों
के
कदम
का
स्वागत
करना
चाहिए।

बयान
में
सूफी
मौलवियों
ने
जोर
देकर
कहा
कि
राष्ट्र
किसी
भी
संस्था
या
विचार
से
बड़ा
है।
ऐसे
में
अगर
कोई
देश
को
तोड़ने
की
बात
करता
है,
तो
उसे
यहां
रहने
का
कोई
अधिकार
नहीं
है।
अखिल
भारतीय
सूफी
सज्जादानशीन
परिषद
हमेशा
देश
की
एकता,
संप्रभुता
और
शांति
के
लिए
प्रतिबद्ध
है।
परिषद्
भविष्य
में
भी
राष्ट्र
विरोधी
ताकतों
के
खिलाफ
आवाज
उठाना
जारी
रखेगा।
वहीं,
केंद्र
सरकार
के
इस
फैसले
को
लेकर
ऑल
इंडिया
मुस्लिम
जमात
के
अध्यक्ष
मौलाना
शहाबुद्दीन
रजवी
बरेलवी
ने
भी
एक
वीडियो
बयान
जारी
किया
है।
इस
बयान
के
जरिए
उन्होंने
चरमपंथ
पर
लगाम
लगाने
के
कदम
की
सराहना
की
है।
आपको
बता
दें
कि
बरेलवी
उलेमा
ने
इससे
पहले
कथित
आतंकी
गतिविधियों
के
लिए
पॉपुलर
फ्रंट
ऑफ
इंडिया
(पीएफआई)
पर
प्रतिबंध
लगाने
का
आह्वान
किया
था।
एनआईए,
ईडी
और
राज्य
पुलिस
की
छापेमारी
के
बाद
मौलाना
रज़वी
ने
जोर
देकर
कहा
था
कि
छापों
से
यह
स्पष्ट
हो
गया
है
कि
इस्लामी
कट्टरपंथी
संगठन
देश
भर
के
विभिन्न
राज्यों
में
सांप्रदायिक
दंगों
में
शामिल
रहा
है।
इसके
अलावा
उत्तर
प्रदेश
के
बरेली
से
बरेलवी
संप्रदाय
ने
केंद्र
सरकार
से
देश
की
एकता
और
अखंडता
की
रक्षा
के
लिए
ऐसे
संगठनों
पर
तत्काल
प्रतिबंध
लगाने
की
मांग
की
है।
मौलाना
बरेलवी
ने
भी
पूरे
भारत
में
आतंकी
गतिविधियों
पर
नकेल
कसने
के
लिए
सरकार
की
तरफ
से
की
गई
कार्रवाई
का
समर्थन
किया
है।
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भी
पढ़ें-
PFI
को
केंद्र
ने
गैरकानूनी
संस्था
घोषित
किया,
लगाया
5
साल
का
बैन
English summary
Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi and All India Muslim Jamaat welcomed pfi ban decision
Story first published: Wednesday, September 28, 2022, 10:37 [IST]