खंडहर जैसे छात्रावासों को हेमंत सोरेन सरकार ने चमकाया | Hemant Soren government made hostels like ruins


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oi-Foziya Khan

|

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रांची,23
सितंबरः
अलग
राज्य
बनने
के
बाद
से
ही
जीर्णोद्धार
का
बाट
जोह
रहे
अनुसूचित
जाति,
पिछड़ा
वर्ग
एवं
अल्पसंख्यक
छात्रावासों
के
दिन
बहुरने
लगे
हैं।
टूटे-फूटे
फर्श,
बरसात
में
छत
से
टपकता
पानी,
जीर्ण-शीर्ण
खिड़कियां
और
दरवाजे,
वर्षों
से
रंग-
रोगन
को
तरसते
छात्रावासों
के
भवन
अब
नए
रूप
में
दिख
रही
हैं।
आदिवासी
छात्रावास
आधुनिक
आधारभूत
संरचना
से
सुसज्जित
किए
जा
रहे
हैं।
ऐसे
593
छात्रावासों
में
से
234
छात्रावासों
को
नया
स्वरूप
मुख्यमंत्री
हेमंत
सोरेन
के
आदेश
के
बाद
प्रदान
कर
दी
गई
है।

hemant

इनमें
अनुसूचित
जनजाति
के
42,
अनुसूचित
जाति
के
96,
पिछड़ा
वर्ग
के
47
और
92
अल्पसंख्यक
छात्रावास
शामिल
हैं।
वहीं
221
छात्रावासों
का
जीर्णोद्धार
कार्य
दो
वर्ष
में
पूर्ण
करना
है।
वित्तीय
वर्ष
2022-23
में
139
एवं
2023-24
में
82
छात्रावासों
का
जीर्णोद्धार
कार्य
प्रस्तावित
है।
छात्रावासों
के
नवीकरण
के
दौरान
छात्रों
के
हितों
को
प्राथमिकता
देते
हुए
निर्माण
कार्य
कराया
जा
रहा
है।

अब
अनाज,
रसोईया
और
सुरक्षा
की
व्यवस्था
करेगी
सरकार

मुख्यमंत्री
हेमंत
सोरेन
और
विभागीय
मंत्री
चंपाई
सोरेन
के
निर्देश
पर
कल्याण
विभाग
के
छात्रावासों
के
जीर्णोद्धार
का
काम
तो
किया
ही
जा
रहा
है,
साथ
ही
छात्रावासों
में
सुरक्षा
प्रहरी
एवं
रसोईया
की
भी
बहाली
कराने
का
प्रबंध
हो
रहा
है।

मुख्यमंत्री
ने
रिक्त
पड़े
मानव
बल
को
यथाशीघ्र
भरने
का
आदेश
दिया
है।
वर्तमान
में
कुल
90
सुरक्षा
प्रहरी
एवं
रसोईया
कार्यरत
हैं।
पूर्व
की
व्यवस्था
के
तहत
कल्याण
विभाग
के
इन
छात्रावासों
में
रहने
वाले
छात्रों
को
अपने
घर
से
अनाज
ले
जाना
पड़ता
था।
लेकिन,
सरकार
अब
इन
छात्रावासों
में
छात्रों
के
लिए
अनाज
भी
उपलब्ध
कराएगी।
इसके
लिए
छात्रों
को
किसी
तरह
का
शुल्क
नहीं
चुकाना
होगा।

English summary

Hemant Soren government made hostels like ruins

Story first published: Friday, September 23, 2022, 15:31 [IST]



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