गांधी परिवार ना भी लड़ रहा हो, ठप्पा उसी का चलेगा | its mallikarjun kharge vs shashi tharoor for congress president
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-DW News

नई दिल्ली, 30 सितंबर। कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव के लिए दो नामों की घोषणा हो गई है. राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोक सभा सदस्य शशि थरूर और झारखंड सरकार में पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी ने अपना अपना नामांकन पत्र भर दिया है. करीब दो दशक बाद पहली बार गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति पार्टी का अध्यक्ष बनेगा.
मतदान 17 अक्टूबर को होगा और मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी. गांधी परिवार के किसी सदस्य ने आधिकारिक रूप से खड़गे को समर्थन देने की घोषणा नहीं की है.

लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के रेस से बाहर होने के बाद जिस तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खड़गे को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया उसके बाद खड़गे की जीत तयमानी जा रही है.
अगर ऐसा होता है तो दशकों बाद कांग्रेस को एक दलित अध्यक्ष मिलेगा. मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि खड़गे के नामांकन पत्र के प्रस्तावकों में पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, दिग्विजय सिंह, अजय माकन, भूपिंदर हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हैं. इसे भी उनकी जीत का एक संकेत माना जा रहा है.
80 साल के खड़गे पार्टी के पर्चे बांटने वाले कार्यकर्ता, छात्र नेता, विधायक, सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उन्हें लंबे समय से गांधी परिवार बड़ी जिम्मेदारियों के लिए चुनता आया है. वो 2014 से 2019 तक लोक सभा में कांग्रेस के नेता थे और 2021 से राज्य सभा में विपक्ष के नेता हैं.
अगर वो कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो यह देखना होगा कि वो कांग्रेस के “एक व्यक्ति, एक पद” सिद्धांत के तहत विपक्ष के नेता बने रहते हैं या नहीं. पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम से संकेत यही मिल रहे थे कि भले ही गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव ना लड़ रहा हो, गांधी परिवार किसी ना किसी उम्मीदवार के पीछे खड़ा जरूर होगा.
राजस्थान की कथित बगावत से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसी श्रेणी के उम्मीदवार थे, लेकिन 29 सितंबर को उन्होंने राजस्थान के घटनाक्रम पर अफसोस जताते हुए उसकी नैतिक जिम्मेदारी ली. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी और अध्यक्ष पद की दौड़ से खुद को बाहर कर लिया.
बल्कि अब उनके मुख्यमंत्री बने रहने पर भी संदेह है. उन्होंने खुद संकेत दिया कि उन्होंने सोनिया गांधी के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश भी की. संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक राजस्थान के मुख्यमंत्री के विषय पर सोनिया गांधी दो दिनों में फैसला देंगी.
Source: DW
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its mallikarjun kharge vs shashi tharoor for congress president