जिया खान की मां से नाराज कोर्ट ने कहा, क्या चाहती हैं, FBI से कराएं जांच | Court fumes over Jiah Khan mother says CBI did unbiased probe should we give it to FBI

हर पहलू की हुई जांच
बता दें कि जिया खान की मौत के बाद सूरज पंचोली का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया था, जोकि जिया के ब्वॉयफ्रैंड थे। आरोप था कि सूरज ने ही जिया को आत्महत्या के लिए उकसाया, जिसके बाद 3 जून 2013 को जिया ने आत्महत्या कर ली थी। राबिया खान ने दावा किया था कि जिया जिया की हत्या की गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीबीआई ने इसकी विस्तृत जांच की है, इस दौरान सभी संभावित पहलुओं की जांच की गई, जिसके बाद जांच में कहा गया है कि यह आत्महत्या का मामला था।

सुनवाई को खींचना चाहती हैं
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की मां ने कोर्ट में कई बार यह याचिका दायर की है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है, जिससे साफ है कि वह इस मामले की सुनवाई को लंबा खींचना चाहती हैं। इस पूरे मामले में राबिया खान का उद्देश्य कोर्ट की सुनवाई को लंबा खींचना है, बिना सुनवाई के वह चाहती हैं कि पीड़िता ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का रवैया कानून की उचित कार्रवाई को दरकिनार करता है।

अपने पक्ष में चाहती हैं फैसला
मामले की सुनवाई कर रहे जजों ने कहा कि याचिकाकर्ता का यह बर्ताव जानबूझकर पूरे मामले की सुनवाई को लंबा खींच रहा है। ऐसा लग रहा है कि याचिकाकर्ता चाहती हैं कोर्ट उनके पक्ष में फैसला दे और कहे कि पीड़िता ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गई थी। प्राथमिक दृष्टि में ऐसा लगता है कि सीबीआई की जांच पूरी तरह से निष्पक्ष, पारदर्शी थी।

हर पहलू से हुई जांच
यही नहीं कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सभी मेडिकल रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य सबूतों की जांच की गई, आरोपी के बर्ताव की जांच की गई। हर स्थिति को फिर से दोहराया गया, फिर से मामले की जांच की गई ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह मामला आत्महत्या है हत्या। इतनी विस्तृत जांच के बाद ही यह स्पष्ट हुआ कि यह आत्महत्या का मामला था। सीबीआई ने अपनी पूरक चार्जशीट भी फाइल कर दी है।

अब क्या FBI से कराएं जांच
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया जांच में किसी भी तरह की कोई गलती नजर नहीं आती है। ना तो पुलिस की जांच और ना ही सीबीआई की जांच में कोई कमी नजर आती है। विस्तार से जांच के बाद ही सीबीआई ही इस निष्कर्ष पर पहुंची कि पीड़िता की हत्या नहीं हुई बल्कि उसने आत्महत्या की। यह कहना ठीक नहीं होगा कि सीबीआई ने इस मामले की सही जांच नहीं की। कोर्ट ने कहा कि हम अपने क्षेत्रीय अधिकार से बाहर नहीं जा सकते हैं और यह नहीं कह सकते हैं कि मामले की जांच एफबीआई से करने को कहें।