बाढ़ के बाद मलेरिया से लड़ रहे पाकिस्तान ने भारत से मांगी 71 लाख मच्छरदानी? पत्रकार ने किया दावा | After the spread of malaria, Pakistan for permission to buy mosquito nets from India.

बुधवार
को
78,000
रोगियों
का
इलाज
बुधवार
को
दक्षिणी
सिंध
प्रांतीय
सरकार
ने
कहा
कि
बाढ़
वाले
क्षेत्रों
में
अस्थायी
स्वास्थ्य
सुविधाओं
और
मोबाइल
शिविरों
ने
पिछले
24
घंटे
में
78,000
से
अधिक
रोगियों
का
इलाज
किया
है,
जिसमें
से
6
लोगों
की
मौत
हो
गई।
प्रांतीय
सरकार
के
मुताबिक
सिंध
में
1
जुलाई
से
अब
तक
कुल
20
लाख
रोगियों
का
इलाज
किया
जा
चुका
है।
मीडिया
रिपोर्ट
के
मुताबिक
अधिकारी
चेतावनी
दे
रहे
हैं
कि
वे
एक
विकट
स्थिति
में
पहुंच
चुके
हैं।
वहीं,
WHO
ने
भी
इसे
एक
‘दिल
दहला
देने
वाला’
करार
दिया
है।
पत्रकार
ने
किया
दावा
पाकिस्तान
के
वरिष्ठ
पत्रकार
गुलाम
अब्बास
शाह
ने
दावा
किया
है
कि
स्वास्थ्य
मंत्रालय
ने
मलेरिया
के
प्रकोप
से
निपटने
के
लिए
भारत
से
71
लाख
मच्छरदानी
आयात
करने
की
अनुमति
मांगी
है।
दरअसल
पाकिस्तान
में
गंभीर
स्वास्थ्य
स्थिति
के
कारण
मच्छरदानी
की
अत्यधिक
मांग
हो
गई
है।

2
लाख
लोग
मलेरिया
से
संक्रमित
मीडिया
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पाकिस्तान
के
सिंध
और
बलूचिस्तान
के
बाढ़
प्रभावित
इलाकों
में
बीते
दो
महीनों
में
2
लाख
लोग
मलेरिया
से
संक्रमित
हो
चुके
हैं।
इनमें
से
22
फीसदी
मामले
प्लास्मोडियम
फाल्सीपेरम
टाइप
के
हैं।
जून
के
मध्य
से
पाकिस्तान
बाढ़
की
चपेट
में
है
जिसके
कारण
3.3
करोड़
लोग
प्रभावित
हुए
हैं
जबकि
हजारों
लोग
बेघर
हो
गए
हैं।

पीएम
ने
बताया
इसे
‘सबसे
कठिन
समय’
जियो
न्यूज
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पाकिस्तान
के
बाढ़
प्रभावित
इलाकों
में
त्वचा
संक्रमण,
दस्त
और
मलेरिया
बड़े
पैमाने
पर
हो
रहे
है।
इससे
अब
तक
324
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है।
देश
के
आपदा
प्रबंधन
एजेंसी
ने
बुधवार
को
कहा
कि
अचानक
आई
बाढ़
में
मरने
वाले
1,569
लोगों
में
बीमारियों
से
होने
वाली
मौतें
शामिल
नहीं
हैं।
मरने
वाले
इन
लोगों
में
555
बच्चे
और
320
महिलाएं
शामिल
हैं।
देश
के
पीएम
शाहबाज
शरीफ
ने
भी
इसे
‘सबसे
कठिन
समय’
बताया
है।

हालात
के
लिए
जलवायु
परिवर्तन
जिम्मेदार
आपदा
के
बाद
डॉक्टर
और
चिकित्सा
कर्मचारी
जलजनित
बीमारियों
और
अन्य
संक्रमणों
में
वृद्धि
से
जूझ
रहे
हैं
और
रोगियों
के
इलाज
में
जुटे
हैं।
हालांकि
अब
कई
इलाकों
में
बाढ़
का
पानी
कम
होना
शुरू
हो
गया
है।
राष्ट्रीय
आपदा
प्रबंधन
प्राधिकरण
ने
कहा
कि
सभी
नदियों,
झीलों
और
जलाशयों
में
जलस्तर
अब
सामान्य
स्तर
पर
लौट
आया
है।
विशेषज्ञों
ने
भीषण
बाढ़
के
हालात
के
लिए
जलवायु
परिवर्तन
को
जिम्मेदार
ठहराया
है।