Chhattisgarh में Chirayu Yojna से नौनिहालों के चेहरे पर लौट रही मुस्कान, अब बोल सकेगी Patan की खियांसी | Chirayu Yojna brings back smile on the face of the Children in Chhattisgarh, now Patan’s Khiyanshi will be able to speak
Durg
oi-Manendra Patel
दुर्ग, 01अक्टूबर। छत्तीसगढ़ सरकार की चिरायु योजना, गम्भीर बीमारियों से पीड़ित नौनिहालों के लिए वरदान बन रही है। दुर्ग जिले में इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला, जहां पाटन के ग्राम घुघवा निवासी बालगोविंद यादव के जीवन में फिर घर खुशियां लौटी है। इसका श्रेय भूपेश सरकार की चिरायु योजना को जाता है। जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय टीम ने कॉकलियर इंप्लांट कराकर बच्ची को जन्मजात बधिरता (बहरापन) से निजात दिला दी।

बेटी की आवाज सुनने के लिए, तरस रहा था परिवार
पाटन के घुघवा निवासी बालगोविंद के घर दो साल पहले एक बेटी ने जन्म लिया, जिसका नाम उन्होंने खियांशी रखा, जैसे जैसे खियांसी बड़ी होती गई। तब माता पिता को उसके सुनने और बोलने की क्षमता पर शक हुआ। तब उन्होंने डॉक्टरों से जांच करवाई, तब पता चला कि बच्ची को जन्मजात बधिरता( बहरापन) शिकायत है। धीरे धीरे बच्ची दो साल की हो गई। इस बीच मासूम बेटी की बचपन से एक आवाज सुनने के लिए परिवार तरस रहा था। अब परिजनों ने बच्ची को आंगनबाड़ी में भेजना शुरू किया गया।

आंगनबाड़ी में डीआईसी ने किया चिन्हित
पाटन क्षेत्र के ग्राम घुघवा के आंगनबाड़ी केंद्र में बालगोविंद यादव की 2 वर्षीय पुत्री खियांशी यादव को जांच के बाद चिरायु टीम द्वारा चिन्हांकित कर जिला बाल रोग निदान केन्द्र (डीईआईसी) में रिफर किया गया। डीईआईसी की टीम द्वारा बच्ची की जांच की गई। जांच पश्चात यह पाया गया कि बच्ची को सर्जरी की आवश्यकता है। डीईआईसी की टीम ने बच्चे के माता-पिता को परामर्श कर कॉकलियर इम्प्लांट की सर्जरी की जानकारी दी और सर्जरी करवाने की सुझाव दिया गया।

कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी से बोल सकेगी खियांशी
वर्ष 2021 से बच्चे की निरंतर जांच की प्रक्रिया एवं थेरिपी की प्रक्रिया होने के बाद एम्स अस्पताल रायपुर में कॉकलियर इम्प्लांट की सफल सर्जरी 26 सितंबर 2022 को कराई गई। सर्जरी के बाद खियांशी यादव अब सामान्य बच्चों की तरह सुन सकेगी। चिरायु योजना में दो वर्ष की खियांशी को पंजीकृत कर जन्मजात बहरापन की बीमारी से निजात दिला कर डॉक्टरों ने परिवार में खुशियां बिखेर दी। इस सर्जरी के बाद बच्ची सुनने लगी है। जल्द बोलने भी लगेगी।
परिवार में आई खुशहाली, परिवार को मिला बड़ा सहारा
दो साल पहले घर में जन्मी खियांशी की आवाज सुनकर परिवार में खुशहाली आ गई है। वहीं खियांशी भी पहली बार खिलखिलाई। स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय टीम ने कॉकलियर इंप्लांट कराकर उसे जन्मजात बधिरता (बहरापन) से छुटकारा दिला दिया। स्वास्थ्य विभाग ने महंगी व क्रिटिकल सर्जरी को चिरायु योजना के तहत करके गरीब परिवार को एक बड़ा सहारा दिया।
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जन्मजात बधिरता वाले बच्चों का होगा निशुल्क इलाज
चिरायु योजनांतर्गत वर्ष 2014 से अब तक से कुल 04 बच्चों का सफल कॉकलियर इम्प्लांट कराया जा चुका है। वर्तमान में जन्मजात बधिरता के 7 बच्चें निरीक्षण में है। जिनकी सर्जरी कराई जानी है। एक-एक कर सबकी मुफ्त में यह सर्जरी कराई जा रही है। हमारे डॉक्टरों की टीम इन्हें चिंहित करती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस क्रिटिकल व खर्चीली सर्जरी में परिजनों के जेब से एक रुपए भी खर्च नहीं होते हैं। पाटन की खियांशी के परिजन खर्च को लेकर ही परेशान थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सब कुछ मुफ्त में कराया।
English summary
Chirayu Yojna brings back smile on the face of the Children in Chhattisgarh, now Patan’s Khiyanshi will be able to speak
Story first published: Saturday, October 1, 2022, 21:10 [IST]